
आजादी के 75 वर्ष बाद भी अड़राहा पंचायत के पार्वती टोला में पक्की सड़क नहीं है, यहां आज भी लोग कीचड़ में चलने को मजबूर हैं जबकि पुल भी नहीं बनाया गया जिसको लेकर जहां स्थानीय ग्रामीणों का आक्रोश चरम पर है। इस मामले के निपटारे को लेकर किसी भी जनप्रतिनिधि या प्रशासन के द्वारा सुध नहीं ली जाती है कई बार ग्रामीण इस मामले को लेकर विधायक से लेकर सांसद तक गए लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। गुरुवार को सड़क निर्माण की मांग को लेकर फारबिसगंज प्रखंड के अड़राहा पंचायत स्थित वार्ड आठ महादलित बस्ती के ग्रामीणों ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव के नेतृत्व में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान नारेबाजी कर अपनी नाराजगी जताई। प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अड़राहा सत्संग मंदिर से होते हुए पार्वती टोला जाने वाली बदहाल सड़क निर्माण की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक से मिल चुके हैं लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है। हर साल बरसात में कीचड़ से सनी सड़क होकर आवाजाही करनी पड़ती है। 20 साल से कुछ काम नहीं हुआ। हालांकि गांव के ही बुद्धिजीवियों के समझाने बुझाने के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए। इस बाबत ग्रामीणों ने बताया कि आजादी के बाद से ही यह सड़क बदहाल है। यह सड़क जगह जगह गढ्ढो में बदला हुआ हैं। लेकिन आज तक न तो कोई जनप्रतिनिधि व न ही कोई राज नेता देखने आए है। सिर्फ चुनाव के दौरान नेता का आवाजाही होता है। सड़क अब गड्ढे में बदल गया है। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय बस्ती आने के लिए एक पुल की भी जरूरत है इस मार्ग से लोगों की आवाजाही पूरी तरह बाधित हो जाती है।

करीब आधा किलोमीटर पानी में घुस कर लोगो को आना-जाना पड़ता हैं। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधि पर अनदेखी का भी आरोप लगाया। ग्रामीणों ने सड़क बनवाने की मांग की। मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव ने कहा कि पांच वर्ष से लगातार विभाग से सड़क व पुल बनाने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रभात ने कहा कि पार्वती टोला में सैकड़ो दलित महादलित समाज के लोग बसे हुए हैं यहाँ की लोग नारकीय हालत में जिंदगी जीने को मजबूर हैं। प्रभात यादव ने डीएम अररिया,अनुमंडल पदाधिकारी फारबिसगंज से मांग किया है कि तीन दिन के अंदर सड़क निर्माण कार्य की जाए नहीं तो वे सैकड़ो महादलित समाज के साथ आमरण अनशन पर बैठने के लिए बाध्य होंगे। आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि अगर जल्द सड़क और पुल का निर्माण नहीं कराया गया तो उन्हें आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। मौके पर मौजूद सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात यादव, राजेश मेहता, जेबी रूपेश यादव, राजन ऋषिदेव, सोभीलाला ऋषिदेव, बिकाश ऋषिदेव, बिजल ऋषिदेव, कारी ऋषिदेव, नेमानी ऋषिदेव, ब्रह्मदेव ऋषिदेव, कपिल ऋषिदेव, बोनिया देवी, नगिया देवी, सरिता देवी, रूपेश कुमार, राजन ऋषिदेव सहित दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे।