हिंदू मुस्लिम एकता का मिसाल है एतिहासिक झिकड़ा मेला।

तौसीफ अहमद/ बारसोई

बारसोई प्रखंड के मालापाड़ा एवं भवानीपुर से सटे महानंदा नदी के पास हर साल की भांति इस साल भी प्रसिद्ध झिकड़ा मेला का आयोजन किया गया हर साल के भांति इस साल भी सभी वर्गों के लोगों ने भाग लिया इसी लिए हिंदू मुस्लिम एकता का मिसाल माना जाता है ये झीकड़ा मेला बिहार एवं बंगाल के लोग हजारों की संख्या में पहुंचते हैं । बता दे की मंदिर की भूमि को एक मुस्लिम ने दान किया है तथा स्थानीय हिंदू मुस्लिमों ने मिलकर मंदिर स्थापित किया है यहां के लोगों का मानना है कि तीन नदियों का संगम है लोग स्नान कर सूर्य को अर्थ देते हैं तथा मंदिर में माथा टेक कर अपनी मन्नतें मांगते हैं और लोगों का मानना है की उनकी मन्नतें भी पूरी होती है ।

वही इस संबंध में मंदिर के पुजारी नवोकांत गोस्वामी,हरी गोपाल आचार्य ने संयुक्त रूप से बताया कि लोगों का आस्था जुड़ी हुई है तथा लोगों का मन्नत भी पूरी हो रही है जिसके चलते दूर-दूर से बिहार एवं बंगाल के लोग अधिकतर आ रहे हैं मंदिर का निर्माण कार्य 2000 से शुरू हुआ था जो अभी चल रहा है आज के दिन हिंदू मुस्लिम सभी के घरों में उत्सव जैसा माहौल रहता है प्रशासन से मांग करते हैं कि मंदिर तक सड़क निर्माण अगर कर दिया जाए तो श्रद्धालुओं को मंदिर तक पहुंचने में कठिनाई नहीं होगी ।

इस मेले में दूर-दूर से लोग आकर लकड़ी के समान एवं लोहे के समान एवं अन्य सामान भी खरीद कर अपने घरों को लेकर जाते हैं यह मेल यादगार मेला के रूप में विकसित हो रही है एक दिन का मेला है नन्हे मुन्ने बच्चे के लिए भी खेल के लिए दूर-दूर से लोग सामग्री आदि हैं,

वही इस मेले में फायर पान आकर्षण का केंद्र बना हुआ है जिसका आनंद लोग  खूब उठाते हैं वही इस अवसर पर पूजा कमेटी पुतुल दास,सुबोध दास,उपेंद्र दास,विक्की साहा ,दुर्गा प्रसाद साह आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे ।

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