प्रतापगंज/सुपौल: धूमधाम के साथ शुरु हुआ नवरात्र, मंदिर के सदस्य जुटे भक्तो की सेवा में ।

आशीष वर्मा , ब्यूरो चीफ , सुपौल

प्रतापगंज/ सुपौल: जिले में पहला प्रखंड प्रतापगंज में चुनाव समाप्त होते ही नवरात्र आरम्भ हो गया और लोग सच्चे आस्था और विश्वास के साथ माता की पूजा में लग गए ।
जी हां 1 अक्टूबर को चुवाव के रिजल्ट आने के बाद सब दुर्गापूजा की तैयारी में जुट गए । वही प्रखंड के मुख्य बाजार स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के सभी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखा जा रहा है । सभी पूरी आस्था के साथ मंदिर की साफ सफाई कर गुरुवार को कलस स्थापित कर पूजा अर्चना सुरु कर दिए है साथ ही प्रसासन के आदेशसानुसार मंदिर में कोरोना प्रोटोकॉल का भी पालन करने के लिए सभी कार्यकर्ता सजग है ।

इस दौरान माता के भक्त नौ दिनों तक तप,जप जैसे विभिन्न अनुष्ठानों से माता को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद मांगते है। वैसे तो साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आती है। लेकिन इनमें चैत्र और आश्विन माह की नवरात्र को प्रमुख माना जाता है। वहीं अन्य दो गुप्त नवरात्र मानी जाती हैं। इस दौरान प्रखण्ड के अलग अलग जगहों पर माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गई है जिसमे प्रखंड मुख्यालय स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर और टिंटोलिया स्थित बड़ी दुर्गा मंदिर मुख्य है , वही कई अन्य जगहों पर भी दुर्गा की पूजा मंदिर एवं छोटे से पंडाल बना कर की जा रही है।


इसी दौरान पुलिस प्रशासन भी अपनी जिम्मेदारी निभाती नजर आ रही है । जिसमें भीड़ भाड़ पर पाबंद तथा डीजे लाउडस्पीकर पर रोक आदि कामो में प्रसासन सजग है । दुर्गा मंदिर के कार्यकर्ताओ ने बताया कि बिहार में पंचायत चुनाव के कारण से पूजा-पाठ पर कोई पाबंदी नहीं है। परंतु पिछले बार कोरोना को लेकर दशहरा पूजा पूरे तरह से प्रभावित हुआ था । लेकिन इस पर पिछले बार के तुलना में ठीक है। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए ध्यान मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं।

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