नकारात्मक विचारों से दूर रहे :-ब्रम्हाकुमार दीपक भाईजी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय मधेपुरा के उपशाखा उदाकिशनगंज के तत्वधान में भव्य त्रिदिवसीय तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक जीवन शैली(अलविदा तनाव )अनुभूति शिविर का उदघाटन ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र प्रभारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रंजू दिदी,तनाव मुक्ति बिशेषज्ञ दीपक भाईजी ,प्रखंड सांखिकी पदाधिकारी बिलास कुमार जी ,स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी शोभा दीदी, वरिष्ठ समाजसेवी बाल किशोर गुप्ता ,डॉ राजेंद्र गुप्ता उर्फ मुना जी , पूर्व प्रमुख विनय बर्धन खोखा यादव , सिमराही सेवा केंद्र प्रभारी बबीता दीदी,सिंघेश्वर सेवा केन्द्र प्रभारी कौशल्या दीदी, आलमनगर विधानसभा के महिला प्रभारी (जदयू प्रकोष्ठ) ज्योति मिश्रा, ब्रह्माकुमार किशोर भाई जी, शशिरंजन भाई जी इत्यादि होने संगठित रूप में दीप प्रज्वलित करके भव्य शुभारंभ किया।

तनाव प्रवन्धन एवं सकारात्मक जीवन शैली बिशेषज्ञ ब्रह्माकुमार दीपक भाईजी ने अपने उदबोधान में कहा कि मन में चलने वाले लगातार नकारात्मक विचार वर्तमान में अनेक समस्याओं का कारण बनते हैं ।मन के नकारात्मक विचारों से ही तनाव उत्पन्न होता है ।तनाव से मुक्ति के लिए सकारात्मक विचारों का आवश्यकता है। सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान निकलता है ।विपरीत परिस्थिति में भी बुराई में भी अच्छाई देखने का प्रयास करने से मन पर काबू पाया जा सकता है ।उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले विचारों से ही स्मृति, वृत्ति, भावना, दृष्टिकोण एवं व्यवहार बनता है ।अगर मन के विचार नकारात्मक होंगे तो स्मृति ,दृष्टि ,वृत्ति, भावना, व्यवहार भी नकारात्मक बनता है। जिससे तनाव पैदा होता है। मन के विचार ही वास्तव में बीज है।

ब्रह्माकुमारीज संस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र प्रभारी राजयोगिनी रंजू दिदि ने सकारात्मक विचारों को तनाव मुक्ति की संजीवनी बूटी बताते हुए कहा कि मन के विचारों को बदलने से ही परिस्थितियां बदलती हुई नजर आती है। उन्होंने बताया कि मन में चलने वाले नकारात्मक विचारों के कारण ही तनाव पैदा होता है। जिस कारण दिमाग गरम हो जाता है। और बीमारियां होती है। उन्होंने बताया की स्वयं की रक्षा करने वाला ही देश का रक्षा कर सकता है। सकारात्मक विचारों का स्रोत आध्यात्मिकता है। अपने आपको यथार्थ जानना, पिता परमात्मा को जानना और अपने उद्देश्य को जानना ही वास्तव में आध्यात्मिकता है ।उन्होंने बताया वर्तमान समय स्वयं को सकारात्मक बनाने की आवश्यकता है ।सकारात्मक सोचने वाला हर परिस्थिति को स्वीकार कर विजय बन सकता है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी विलास कुमार जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में नैतिक शिक्षकों को आचरण में लाना ही शिक्षा का मूल उद्देश्य है। उन्होंने कहा लालच ,भ्रम , बेईमानी ,चोरी, ठगी, नकारात्मक विचार, मनुष्य को अनैकतिकता के विरुद्ध आचरण करने के लिए उकसाता है ।इसलिए हमें अनैतिकताको मार्ग छोड़कर नैतिकता के मार्ग तरफ जाना है ।नैतिक मूल्यों की धारण से आंतरिक शक्तियों का विकास होता है। और आत्मबल ,मनोबल बढ़ता है। उन्होंने कहा कि नैतिक मूल्यों से युक्त जीवन हीसभी को पसंद आता है।

स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी शोभा दीदी जी ने अपना उद्बोधन देते हुए कहा कि राजयोग के नित्य अभ्यास से ही हमारा मनोबल और आत्मबल बढ़ता है। राजयोंग द्वारा हम सच्चे सुख ,शांति की अनुभूति कर तनावमुक्त बन सकते हैं। चांद ,सूर्य,तारागण से पर रहने वाले परमपिता को मन बुद्धि से याद करना, उनके गुणों का गुणगान करना, उनके बताए हुए मार्ग पर चलना ही वास्तव में राजयोग है।

उक्त कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमार किशोर भाइजी ने किया ।मौके पर वरिष्ठ समाजसेवी बालकिशोर गुप्ता ,हरे कृष्ण दास ,पूर्व प्रमुख विनय बर्धन खोखा यादव ,ब्रह्माकुमार दीपक भाईजी, मुखिया संजीव कुमार झा, राजेंद्र प्रसाद साह ,आलमनगर विधानसभा के महिला प्रभारी जदयू प्रकोष्ठ श्रीमती ज्योति मिश्रा जी,सशिरंजन भाईजी, ब्रह्माकुमार किशोर भाईजी, बबीता दीदी ,कोशीला दीदी, शोभा दीदी, नवनीत कुमार, प्रीतम कुमार मंडल, मदन भाई ,अर्चना बहन, रूपा बहन ,मधु बहन ,नीलम बहन इत्यादि सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे।

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