बलुआ बाजार : चुनावी सरगर्मी के बीच सुरु हुआ नवरात्र।

अमृत सागर झा,बलुआ बाजार

नवरात्र मां दुर्गा के प्रति आस्था और विश्वास प्रकट करने वाला पर्व है। इस दौरान माता के भक्त नौ दिनों तक तप,जप जैसे विभिन्न अनुष्ठानों से माता को प्रसन्न कर उनसे आशीर्वाद मांगते है। वैसे तो साल में चैत्र, आषाढ़, आश्विन और माघ महीनों में चार बार नवरात्र आती है। लेकिन इनमें चैत्र और आश्विन माह की नवरात्र को प्रमुख माना जाता है। वहीं अन्य दो गुप्त नवरात्र मानी जाती हैं। ऐसे में छातापुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत दुर्गा मंदिर विधि विधान के साथ समारोह में दुर्गा पूजा को लेकर गुरुवार को कलस स्थापना किया गया है। इस दौरान बलुआ बाजार, लक्ष्मीनियां, मधुबनी,ठुठ्ठी जैसे कई जगहों पर भगवती दुर्गा की पूजा मंदिर एवं छोटे से पंडाल बना कर की जा रही है।
इसी दौरान पुलिस प्रशासन के द्वारा हर क्षेत्र में इस बार सबसे अलग रूप से दुर्गा पूजा की तैनाती की गई है। जिसमें भीड़ भाड़ पर पाबंद तथा डीजे लाउडस्पीकर पर रोक लगी है। लक्ष्मीनिया दुर्गा मंदिर के पंडित ललित नारायण झा ने बताया कि बिहार में पंचायत चुनाव के समय कारण से पूजा-पाठ पर कोई पाबंदी नहीं है। परंतु पिछले बार कोरोना को लेकर दशहरा पूजा पूरे तरह से प्रभावित हुआ था ।

लेकिन इस पर पिछले बार के तुलना में ठीक है। उन्होंने बताया कि नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। शैलीपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। इसी वजह से मां के इस स्वरूप को शैलपुत्री कहा जाता है। इनकी आराधना से हम सभी मनोवांछित फल प्राप्त कर सकते हैं। मां शैलपुत्री का प्रसन्न करने के लिए यह ध्यान मंत्र जपना चाहिए। इसके प्रभाव से माता जल्दी ही प्रसन्न होती हैं और भक्त की सभी कामनाएं पूर्ण करती हैं।

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