
बाढ़ के बीच कंधों पर लाई गई शहीद अंकित कुमार की अंतिम यात्रा, गम और गर्व में डूबा नवगछिया।
शयामानंद सिह भागलपुर
भागलपुर स्वतंत्रता दिवस के जश्न के बीच नवगछिया के रंगरा प्रखंड के चापर गांव का माहौल गमगीन हो गया। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में घुसपैठ को नाकाम करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सेना के जवान अंकित कुमार का पार्थिव शरीर बाढ़ के पानी से गुजरते हुए पैतृक गांव पहुंचा।सेना और प्रशासन के जवानों ने बाढ़ के बीच कंधों पर उठाकर शहीद को गांव तक पहुंचाया।
गांव में प्रवेश करते ही शहीद अंकित अमर रहें और भारत माता की जय के नारों से गगन गूंज उठा। अंतिम यात्रा में ग्रामीणों की आंखें नम थीं लेकिन माथा गर्व से ऊंचा था। पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।भागलपुर के प्रभारी मंत्री संतोष कुमार भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। उन्होंने शहीद के परिजनों को बिहार सरकार की ओर से 21 लाख रुपये का चेक सौंपा और कहा पूरा देश उनके साहस और बलिदान को सलाम करता है।अंकित कुमार 2009 में बिहार रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। तीनों भाई सेना में रह चुके हैं। वे एक महीने पहले ही छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे।
अपने पीछे पत्नी, दो बेटे, माता-पिता और पूरा परिवार छोड़ गए।गांववालों और परिजनों ने कहा कि सरकार को ऐसी सख्त नीति बनानी चाहिए जिससे दुश्मन देश की तरफ नजर उठाकर देखने की हिम्मत न कर सके