
प्रभात यादव लड़ेंगे नरपतगंज विधानसभा से चुनाव
बिहार के सीमांचल क्षेत्र की राजनीति में एक नई हलचल तेज़ी से उभर रही है। नरपतगंज विधानसभा क्षेत्र से प्रभात यादव ने आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा कर दी है। प्रभात यादव एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिन्होंने अपनी प्रारंभिक पहचान शिक्षा, स्वास्थ्य, भ्रष्टाचार और किसानों के हक में जनसंघर्ष से बनाई है। अब वे लोकतंत्र के इस सबसे बड़े मंच यानी विधानसभा में जनता की आवाज़ बनकर पहुंचने के लिए चुनावी रणभूमि में उतरने जा रहे हैं। प्रभात यादव का संबंध अड़राहा गांव से है। वे एक सामान्य किसान परिवार में जन्मे और प्रारंभिक शिक्षा गांव के स्कूल से प्राप्त की। बाद में उन्होंने पूर्णिया विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में स्नातक और वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई कर रहे हैं। उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि कृषि से जुड़ी है। उनके पिता एक साधारण किसान हैं और मां गृहिणी। बचपन से ही सामाजिक मुद्दों को लेकर उनकी रुचि रही है और कॉलेज जीवन से ही वे छात्र राजनीति, जनहित आंदोलनों और ग्रामीण विकास से जुड़े रहे हैं। चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा करते हुए प्रभात यादव ने कहा कि जनता के बीच से ही एक सच्चा जनप्रतिनिधि निकल सकता है। हमारे क्षेत्र नरपतगंज में वर्षों से जो समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं,शिक्षा की दुर्दशा, स्वास्थ्य सेवाओं की कमी, रोजगार का अभाव, सड़क और पुल जैसे बुनियादी ढांचे का अभाव। उन पर ठोस पहल की आवश्यकता है। मैं इन मुद्दों को लेकर गंभीर हूं और इन्हें विधानसभा में प्रमुखता से उठाना चाहता हूं। प्रभात यादव की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब बिहार की राजनीति में युवा नेतृत्व की तलाश और उम्मीदें दोनों ही बढ़ रही हैं। वे राजनीतिक परिवार से नहीं आते और न ही कोई बड़ी पूंजी उनके पास है। बावजूद इसके, वे जनसमर्थन के बल पर चुनावी मैदान में उतरने जा रहे हैं। यह कदम सीमांचल जैसे पिछड़े इलाके के युवाओं के लिए एक प्रेरणा बनता जा रहा है।प्रभात यादव ने अभी तक किसी राजनीतिक दल की सदस्यता की औपचारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन सूत्रों की मानें तो वे राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से टिकट के दावेदार हैं। उन्होंने अपनी विचारधारा को सामाजिक न्याय, समावेशी विकास और युवा नेतृत्व से जोड़ते हुए राजद की नीतियों की प्रशंसा की है। हालांकि, उन्होंने यह भी साफ किया है कि अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है, तो वे जनता के समर्थन से निर्दलीय चुनाव लड़ने का भी विकल्प खुला रखेंगे।प्रभात यादव द्वारा स्थापित संगठन “आजाद हिंद फौज संगठन” सीमांचल क्षेत्र में जनसरोकारों से जुड़े कार्यों के लिए जाना जाता है। यह संगठन गांवों में शिक्षा जागरूकता अभियान, नशा मुक्ति कार्यक्रम, महिला सुरक्षा, युवाओं के लिए रोजगार मार्गदर्शन जैसे कार्यों में सक्रिय है। इस संगठन के माध्यम से प्रभात यादव ने ग्रामीण युवाओं को जागरूक और संगठित करने का प्रयास किया है। चुनाव लड़ने की उनकी घोषणा के साथ ही क्षेत्र में चर्चा तेज़ हो गई है। नरपतगंज विधानसभा के कई पंचायतों में प्रभात यादव की पदयात्राएं और जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। उनके साथ बड़ी संख्या में युवा, महिलाएं और किसान जुड़ते जा रहे हैं। विशेष रूप से वे मुद्दे जो लंबे समय से उपेक्षित रहे हैं। जैसे नरपतगंज में मेडिकल कॉलेज, किसानों की समस्या, भ्रष्टाचार, स्कूलों में शिक्षा की दुर्दशा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की दुर्दशा इन पर उनका फोकस साफ नज़र आ रहा है। प्रभात यादव के चुनावी एजेंडे में बुनियादी ढांचे के विकास, शिक्षा व्यवस्था में सुधार, युवाओं के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और स्वरोजगार की योजनाएं, महिलाओं की सुरक्षा और सामाजिक सम्मान, किसानों को समर्थन मूल्य, सिंचाई सुविधा और आधुनिक कृषि तकनीक की उपलब्धता, सीमांचल क्षेत्र को जिला स्तर पर विशेष पैकेज देने की मांग शामिल है। उनका कहना है कि वे फिजूल के वादे नहीं करते, बल्कि क्षेत्र की जमीनी ज़रूरतों पर काम करना चाहते हैं। युवाओं के बीच प्रभात यादव तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। सोशल मीडिया पर युवा प्रभात, नरपतगंज मांगे प्रभात,जनता का उम्मीदवार जैसे हैशटैग के माध्यम से उनके समर्थकों ने एक डिजिटल अभियान भी छेड़ दिया है। प्रभात यादव किसी भी पार्टी की परंपरागत प्रचार शैली से दूर रहते हुए सीधे जनता से संवाद पर ज़ोर दे रहे हैं। वे पर्चा, पोस्टर और गाड़ी की बजाय पैदल यात्रा के माध्यम से गांवों तक पहुंच रहे हैं। उनके समर्थन में विशेषकर सीमांचल के युवा वर्ग और छात्रों का उत्साह देखा जा रहा है। कई स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं, शिक्षकों और पूर्व पंचायत प्रतिनिधियों ने भी उनके समर्थन की घोषणा की है। उनका कहना है कि पहली बार कोई ऐसा युवा सामने आया है जो न ईंट, न पत्थर, बल्कि विचार से राजनीति कर रहा है। वह किसी पार्टी विशेष से नहीं, जनता के मुद्दों से जुड़ा है। विधानसभा चुनाव के दौरान यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रभात यादव की यह नई राजनीति, जो सेवा, संघर्ष और सादगी पर टिकी है, क्या क्षेत्र में जातिगत और धनबल आधारित पुरानी राजनीति को चुनौती दे पाएगी। फिलहाल इतना तय है कि प्रभात यादव की उम्मीदवारी ने इस बार नरपतगंज की चुनावी तस्वीर को पूरी तरह बदल कर रख दिया है।वे बार-बार दोहराते हैं कि उनका मकसद सिर्फ जीतना नहीं, बल्कि लोगों की सोच को बदलना है। यदि वे जीतते हैं तो यह न केवल सीमांचल के लिए, बल्कि पूरे बिहार के लिए एक बड़ी राजनीतिक प्रेरणा बन सकती है कि गरीब, आम, जमीनी व्यक्ति भी विधायक बन सकता है और व्यवस्था को बदल सकता है।