कृषि विज्ञान केंद्र, राघोपुर द्वारा विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजनl

सुरेश कुमार सिंह के साथ बृजेश कुमार

राघोपुर: कृषि विज्ञान केंद्र राघोपुर द्वारा विश्व मृदा दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का सुभारंभ केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवम प्रधान ई प्रमोद कुमार, जनप्रतिनिधि सह जेडीयू प्रखंड अध्यक्ष श्री कमल प्रसाद यादव, मुरली पंचायत के नव निर्वाचित मुखिया श्री बिजेंद्र यादव के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रजावलित कर किया गया। उपस्थित किसानों को संबोधित करते हुए केंद्र के प्रधान के द्वारा बताया गया की मृदा इस धरती पर जीवन का आधार है। यह पांच प्राकृतिक संसाधनों जैसे जल, जमीन, जंगल, जानवर तथा जन यानी मनुष्य में एक है। इसी मृदा पर सब कुछ निर्भर है। मिट्टी है तो पानी है, मिट्टी है तो पेड़ पौधे, पशु पछी, अन्न, फल सब है। मिट्टी मानव सभ्यता का आधार है। बदलते समय में मानव द्वारा अपनाए गए विभिन्न प्रकार के क्रियाविधि जैसे खेती में अधाकाधिक रसायन का प्रयोग, विभिन्न संरचना निर्माण, खनन आदि से से मृदा के स्वास्थ्य में गिरावट आया है। जिसके कारण इसकी उपज क्षमता में कमी, प्रदूषण आदि की समस्या उत्पन्न हो गया है। तथा आने वाली पीढ़ी के लिए स्वच्छ धरती, उपजाऊ धरती तथा स्वच्छ वातावरण बनाए रखना एक चुनौती बन गया है। इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था के तहत जैविक खेती, जैविक खाद, जैविक कीटनाशी आदि का अधिक से अधिक किसानों के द्वारा अपनाया जाना अतिआवश्यक है। जनप्रतिनिधि श्री कमल प्र यादव ने अपने संबोधन में सभी किसानों से आह्वान किया की समय की मांग के अनुसार किसान भाई वैज्ञानिक समुदाय के द्वारा सुझाए उपाय को अपनाते हुए खेती को करे। जिससे की हमारी धरा स्वास्थ्य रहे, स्वच्छ रहे। मृदा स्वस्थ्य रहेगा तो मानव भी स्वस्थ रहेगा। मृदा बीमार रहेगा तो मानव भी बीमार रहेगा। नवनिर्वाचित जन प्रतिनिधि ने उपस्थित जन समूह को संबोधित करते हुए कहा कि जैसा हम खाते है वैसा ही हमारा विचार, व्यवहार जीता है। अच्छा, गुणवत्ता पूर्ण उपज के लिए मृदा का गुणवतापूर्ण होना अति आवश्यक है। इसलिए हमे मृदा के स्वास्थ्य का हुई ध्यान रखना पड़ेगा। वैज्ञानिक डा मनोज कुमार के द्वारा बताया गया की मिट्टी असंख्य जीवो का जीवात्मा है। इसमें भाती भाती के जीवनी विषाणु पाए जाते है। जिसमे कुछ लाभदायक तथा कुछ हानिकारक होते है। रसायन के इस्तेमाल से लाभदायक जीव भी नष्ट हो जाता है। इसलिए आवश्यक है की हम रसायन का चुनाव आवश्यकता नुसार करे। इसके अंधाधुन प्रयोग से मृदा का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इस कार्यक्रम में केंद्र में मत्स्य वैज्ञानिक श्री ज्ञानचद्र, जिले भर से आए अग्रणी किसान सिंहेश्वर साह, जवाहर पासवान, मालती देवी, राजकुमार मंडल, जागेश्वर मंडल, सूचित कुमार, गणेश चौधरी, संदीप कुमार, देवनारायण यादव, रामचंद्र मंडल, ललित कुमार सहित सैकड़ों किसान भाग लिए।

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