
बोलबम के जयघोष संग कांवड़ियों का जत्था रवाना, गूंज उठा शिवालय, शिवमय हुआ वातावरण
आशीष वर्मा , प्रतापगंज (सुपौल)
सावन की पावन ऋतु ने एक बार फिर सम्पूर्ण क्षेत्र को भोलेनाथ की भक्ति में सराबोर कर दिया है। कांवड़ यात्रा का उल्लास चरम पर है और श्रद्धा, भक्ति और शिव आराधना के रंग में रंगे कांवड़ियों का जत्था बोलबम के जयकारों के बीच बैद्यनाथधाम और बाबा बासुकीनाथधाम के लिए रविवार को रवाना हुआ। यह विशेष जत्था 25 महिला-पुरुष श्रद्धालुओं के साथ रवाना हुआ। रवाना होने से पहले सभी श्रद्धालु दुर्गा मंदिर और गढ़िया गांव स्थित दिव्यज्योति मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने नतमस्तक होकर यात्रा की सफलता और कुशलता के लिए भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।
कांवड़ यात्रा न केवल आस्था प्रतीक है, बल्कि यह संयम, का सेवा और समर्पण का प्रतीक बन चुका है। हर वर्ष की भी तरह इस बार भी शिवभक्तों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। बैद्यनाथधाम और बासुकीनाथ जाने वाले भक्त यह मानते हैं कि सावन मास में भोलेनाथ की पूजा से समस्त दुखों का नाश होता है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सावन का महीना भगवान शिव की आराधना का सबसे शुभकाल माना गया है। भक्त इस पवित्र मास में व्रत, उपवास और विशेष अनुष्ठानों के माध्यम से भगवान शिव से पारिवारिक सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। ‘बोल बम’ की गूंज के साथ जैसे ही कांवड़ियों ने प्रस्थान किया, वातावरण शिवमय हो गया।
स्थानीय शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है। रविवार और सोमवार को विशेष तौर पर जलाभिषेक के लिए दूर-दूर से शिवभक्त पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रांगण ‘हर-हर महादेव’ और ‘बोल बम’ के जयघोष से गुंजायमान हो रहा है। सावन की इस अध्यात्मिक यात्रा ने न सिर्फ भक्तों को शिवभक्ति से जोड़ा है, बल्कि गांव-समाज को एक साथ जोड़ने की आस्था की डोर भी मजबूत की है। आने वाले दिनों में कांवड़ यात्रा का यह सिलसिला और भी गति पकड़ेगा और पूरा इलाका शिवमय वातावरण में डूबा रहेगा।