प्रतापगंज / सुपौल: नौ साल का बच्चा बना बनारस के आईपीएस, अधिकारियों ने किया सेल्यूट

आशीष वर्मा, व्यूरो सुपौल

कौन जानता था कि कैंसर से पीडित नौ वर्ष का इलाजरत सुपौल जिले के प्रतापगंज प्रखंड का बच्चा एक दिन के लिए उत्तरप्रदेश के बनारस का एडीजे बन जायेगा। जी हां यह करिशमा मंगलवार को कर दिखाया है प्रखंड के तेकुना पंचायत निवासी रंजीत कुमार दास का नौ वर्षीय नन्हा बेटा प्रभात ने। इस करिशमे से उसके पिता रंजीत दास अतिविभोर हो कहते हैं कि यह तो मेरे और मेरे परिवार के लिए दिवा सपना सा लग रहा है। उसके पिता बताते हैं कि बेटा प्रभात कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीडित है। जिसका इलाज उप्र के बनारस के लहरतारा स्थित कैंसर अस्पताल में चल रहा है। बताते हैं कि प्रभात बचपन से हीं पुलिस बनकर देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात करता रहा है।


इलाज के क्रम में भी वह इस बात को दोहराते रहता था। जब इसकी जानकारी वहां की एक संस्था मेक ए विश फाऊंडेशन आफ इंडिया को हुई तो उसके वालंटियरों ने उसकी इच्छा को वहां के एडीजे जोन पीयुष मार्डिया के सामने रखी। उन्होंने इसकी जानकारी ले प्रभात की इच्छा को एक दिन के लिए एडीजे बनाने का मन बना प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। स्वीकृति मिलते हीं प्रभात के लिए आईपीएस की वर्दी, जूते, बनवाये गये। मंगलवार को प्रभात जब ड्रेसड होकर कैंटोंनमेंट स्थित एडीजे जोन आफिस पहूंचा तो वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने सैल्यूट दिया।

प्रभात को बकायदा चार्ज देकर एडीजे की कुर्सी पर बैठाया गया। जब उससे पूछा गया कि आप कैसा महसूस करते हैंं तो उसने धारावाहिक सीआइडी के एसीपी प्रधूमन जैसा महसूस होने की बात कही। इतना हीं नहीं प्रभात एडीजे जोन का पदभार ग्रहण करने के बाद पुलिसकर्मियों से परिचय प्राप्त कर फिर जिप्सी मेंं सवार होकर लाव लश्कर के साथ कानून व्यवस्था का निरीक्षण करने निकला। जिधर से उसका वाहन गुजरा ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने सलामी दी। इस असामान्य और अदभूतक्षण को याद कर उसके पिता भावविभोर हो कहते हैं कि एक ग्रामीण क्षेत्र का बच्चा ऐसा करिशमा कर दिखायेगा हमने सपने में भी नहीं सोचा था। बनारस से फोन पर उसके पिता रंजीत दास ने बताया कि बुधवार को उसे लेकर उसके पिता गांव आ रहे हैं। लोगों में उसे देखने का कोतुहल बना हुआ है।

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