
सिमराही नगर पंचायत में जनप्रतिनिधियों और कार्यपालक पदाधिकारी में तालमेल की कमी। विकास कार्य शुरू होने पर भी हो रही आपत्ति।
सुरेश कुमार सिंह के साथ बिकाश आनंद की रिपोर्ट सिमराही राघोपुर सुपौल
★नगर पंचायत को है फॉगिंग मशीन की जरूरत, खरीदारी पर उठ रहे सवाल
★इसके पूर्व में भी सभी ईओ से रही हैं तालमेल की कमी
★कुछ पार्षद ईओ के कार्यों से है संतुष्ट, कुछ कहते हैं मुझे पूछा भी नही जा रहा
★सीएम समग्र शहरी विकास योजना के तहत भेजी गई सूची में कुछ वार्डो का नाम, अन्य पार्षद दिख रहे नाराज़
★ईओ ने बताया की सभी उपादान की खरीद विभागीय दिशा निर्देश अनुसार ही हुआ, जरूरत की चीज़ों में हर सदस्य से अलग अलग सहमति सम्भव नहीं
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नगर पंचायत सिमराही कार्यालय के सभागार में गुरुवार को छठ घाट की साफ-सफाई सहित अन्य विकासात्मक कार्य को लेकर आम बोर्ड की बैठक मुख्य पार्षद यशोदा देवी के अध्यक्षता में हुई। काफी दिनों के बाद हुई इस बैठक में सबसे पहले विभिन्न वार्डों में छठ घाट को चिन्हित कर विधि व्यवस्था पर विमर्श किया गया। बैठक के दौरान कुछ वार्ड पार्षद और उनके प्रतिनिधियों द्वारा ईओ से सीएम समय शहरी विकास योजना के तहत जिला को भेजे गए योजनाओं के बारे में जानकारी की मांग की गई। जिस पर ईओ ने सदन को जानकारी दिया कि मुख्य पार्षद से विचारोपरांत योजनाओं का प्रस्ताव उच्चाधिकारियों को प्रतिवेदित किया जा चुका है।चुकी योजनाओं का चयन और प्रस्ताव के प्रतिवेदन हेतु ईओ को अल्प अवधि का समय था तो बैठक में पार्षदों को भी योजना लिखकर देने को कहा।
वही उप मुख्य पार्षद सहित कुछ पार्षद ने ईओ से कहा कि आपने किसके आदेश पर योजना चयन कर भेजा। उस पर ईओ ने कहा कि हमको मुख्य पार्षद द्वारा लिखकर दिया गया। इस पर मुख्य पार्षद ने कहा कि मेरे द्वारा लिखकर दिए योजनाओं में से एक भी जिला को नहीं भेजा गया है । वहीं पूर्व में लिए गए योजनाओं को रद्द करते हुए नए का चयन कर एक साथ भेजने का प्रस्ताव लेने की बात कही।बैठक में हो रही गहमा गहमी के क्रम में मुख्य पार्षद यशोदा देवी सदन से उठकर अपने कार्यालय में चली गई। उनके साथ उप मुख्य पार्षद सहित कुछ पार्षदों भी सदन से निकल गए। इसी क्रम में ईओ मुख्य पार्षद की काफी देर इंतज़ार के बाद बैठक को स्थगित कर पंजी लेकर सदन से निकल गई। मुख्य पार्षद के अकारण बैठक छोड़ निकल जाने के बाद वापस आने के इंतेज़ार में सभागार मे उपस्थित वार्ड पार्षद सतीश कुमार एवं अन्य ने बताया कि बैठक शुरू होने से पहले ही मुख्य पार्षद ने बैठक पंजी में हस्ताक्षर करने से मना कर दिया था और बताया कि कुछ पार्षद प्रतिनिधि दर्शक दीर्घा से बार बार जवाब दे रहे हैं।पार्षद सतीश कुमार ने बताया कि बिना मुख्य पार्षद के अनुमति के बैठक की कार्यवाही कैसे चल सकती है। मुख्य पार्षद यशोदा देवी ने बताया कि वे बैठक के दौरान शौच के लिए निकल गई। इसी क्रम में कुछ पार्षद भी उनके साथ बैठक से बाहर आ गए। लेकिन, शौच के बाद जब वे पुनः सदन आई तो वहां ईओ वीणा वैशाली सहित अन्य पार्षद वहाँ मौजूद नहीं थी। मुख्य पार्षद ने ईओ के बारे में बताई कि उनके सहमति के बिना तीन फॉगिंग मशीन खरीद कर लिया गया और जानकारी मांगने पर नही दी गई। मुख्यमंत्री समग्र शहरी विकास योजना में भी बिना उनलोगों की सहमति से योजना का चयन कर भेज दिया गया। इस बारे में ईओ ने बताया की फॉगिंग मशीन की आवश्यकता हेतु पूर्व से ही सहमति बनी हुई थी और फॉगिंग मशीन सहित अन्य उपादान की खरीद विभागीय दिशा निर्देश अनुसार ही हुआ, जरूरत की चीज़ों में हर सदस्य से अलग अलग सहमति सम्भव नहीं है।
वार्ड पार्षद गणेश कुमार उर्फ चन्दू दास बताते हैं कि इसके पूर्व में भी मुख्य पार्षद और कुछ पार्षद का पूर्व के ईओ के साथ भी तालमेल की कमी रही है, जिस कारण से नगर पंचायत का विकास कार्य दो सालो से रुका हुआ है।