प्रतापगंज/ सुपौल: दुर्गामंदिर के अध्यक्ष के अंतिम यात्रा में शामिल हुए हजारों महिला और पुरुष, गाजे बाजे के साथ निकली गई अंतिम यात्रा।

आशीष वर्मा, सुपौल व्यूरो

सामाजिक कार्यकर्ता व सार्वजनिक दुर्गा मंदिर प्रतापगंज बाजार के अध्यक्ष यदुनंदन लहोटिया का रविवार की दोपहर निधन हो गया। वे लगभग 78 वर्ष के थे। उन्होंने मेडिकल कॉलेज मधेपुरा में रविवार के 4 बजे दिन में अंतिम सांस ली। मृतक के पार्थिव शरीर को रात आठ बजे निज निवास लाया गया। पार्थिव शरीर के घर आते हीं परिजनों में कोहराम मच गया। वे सामाजिक और धार्मिक कार्यों में बढ़ चढ कर भाग लिया करते थे।

उनकी लोकप्रियता का आलम यह रहा कि सोमवार को हुए अंतिम यात्रा में महिला पुरूष की भारी भीड़ रही। उनकी अंतिम यात्रा ट्रेक्टर पर उनके पार्थिव शरीर को सजाकर गाजे बाजे और भजनों के साथ निकाली गई। जो बाजार, दुर्गा मंदिर और अस्पताल तक का भ्रमण कर उनके निवास के करीब हीं दाहसंस्कार स्थल लाया गया। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार उनकी तबीयत रविवार की सुबह अचानक बिगड़ गई। उनको बेहतर इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज मधेपुरा ले जाया गया। जहां इलाज के क्रम में रविवार को दोपहर चार बजे उनका निधन हो गया। असामयिक निधन की सूचना फैलते ही प्रतापगंजवासियों में सन्नाटा पसर गया।

सामाजिक समरसता और कुशल नेतृत्व के कारण ही बाजार सहित आसपास के युवा उनको अत्यधिक चाहते थे। लगभग तीन दशक से वे बाजार स्थित सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के निर्विवाद अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे थे। साथ ही युवाओं के बीच समन्वय स्थापित कर मंदिर निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाते आ रहे थे। उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सोमवार को हाट बाजार का दिन होने के बावजूद व्यवसायियों ने अपने-अपने प्रतिष्ठानों को उनके सम्मान में अंत्येष्टि कर्म होने तक बंद रखा। जगह-जगह वाहन को रोककर लोगों ने श्रद्धांजलि के पुष्प अर्पित किए। उनके अंतिम संस्कार में हजारों लोगों की उमड़ी भीड़ ने उनके अंतिम दर्शन कर उन्हें लकडी दे नमन किया। प्रतापगंज में यह दृश्य प्रथमबार देखने को मिला जब लोग उनके पार्थिव शरीर को रथयात्रा पर सजाकर हजारों की भीड़ के साथ निकाली गई हो। हर के जुवान से निकल रहा था कि यह लहोटिया जी के स्वभाव की लोकप्रियता का परिणाम है। उनके पार्थिव शरीर को छोटे बेटे ने मुखाग्नि दे पिता को पंचतत्व में विलीन किया।

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