गाँव में प्रतिभाएँ बिखरी पड़ी हैं, जरुरी है उन तक पहुँचने की, उसे जोड़ने, तराशने व दिशानिर्देशन करने की!

 

सोनू आलम ,भीमपुर, सुपौल


प्रतापगंज (मझौवा) में श्री कपिलदेव दास जी के अध्यक्षता में एक बैठक आहूत की गई। जिसमें समाज के अपेक्षित वा सामान्य परिवारों के विविध विधाओं के अति प्रतिभावान बाल शक्ति जो भरे पड़े हैं, उसे उचित सहयोग , प्रेरणा, संरक्षण, संवर्धन कर उनके प्रतिभावों को उभार कर उनके इक्षित लक्ष्य तक पहुंचाने की योजना है। जिससे समाज में प्रेम, दया, श्रद्धा, भाई चारा स्थापित हो और वह समाज का एक आदर्श नागरिक बन कर, समाज को एक नई दिशा प्रदान करने वाल बन सके उस पर विशेष बल देने की बातें कि गई।


इस कार्य को करने हेतु एक तदर्थ समिति का का गठन किया गया जिसका नाम *मानवीय चेतना विकास मंच* रखा गया, जिसके संयोजक *श्री मो. कमाल जावेद जी* को बनाया गया। समिति में तत्काल कुल 15 सदस्यों को रखा गया है।
समिति गठन के उपरान यह निर्णय लिया गया की हम सभी शिक्षा को रोजगारोन्मुख, संस्कारपूर्ण, नैतिकता पूर्ण, संवेदनशील, मानवीय मूल्यों को स्थापित करने वाली, सत्य प्रेम करुणा पर आधारित, सह अस्तित्व ; जाति धर्म लिंग समुदाय अर्थ रहित, सकारात्मक सोच, जल जमीन जंगल व पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन युक्त, मस्तिष्क, हाथ, व हृदय को संयुक्त करने वाली शिक्षा पद्धति जिसमे वासुदेव कुटुम्ब कम की भावना निहित हो तथा वैज्ञानिक ओज विकास युक्त शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने की योजना बनी।


अतः इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए देश के जाने- माने व सफल आई. ए. एस. , आई. पी.एस. व विविध क्षमतावान सज्जनों एवं देवियों का सहयोग प्राप्ति की सहमति से एक अनूठा संस्थान प्रतापगंज प्रखण्ड में प्रारंभ हो पा रहा है, जिसमें बच्चों की शिक्षा-संस्कार-आचार-व्यवहार -योग- खेल-कला- कौशल विकास अन्य गतिविधियों के साथ-साथ एक आदर्श नगरिक निर्माण की योजना है!
इसके लिए वर्ग छठी, सातवीं एवं आठवीं के 60 लडके लड़कियों को हास्टल में रख कर उनका फाउंडेशन मजबूत कर सिविल सर्विसेज, ज्यूडिशियरी, डिफेंस, नर्सिंग, फार्मा , मेडिकल, शिक्षा, मैनेजमेंट, खेल, कला इत्यादि फील्ड में अपनी बेहतर करियर बना नैतिकता और मानवीय मूल्यों को समझ सके उसका चयन किया जायेगा। इसके लिए जो अभिभावक सक्षम हैं वो तो संस्थान के आवश्यक व्यय राशि अवश्य सहयोग करें, पर जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं, उन्हे भी निराश होने की आवश्यकता नहीं है, उनकी नि:शुल्क शिक्षण की व्यवस्था भी की गई है!
इस प्रयास में सभी से महत्वपूर्ण सूझाव व सहयोग की सादर अपेक्षा है, एवं इस संवाद के आधार पर जिज्ञासु बच्चों के अभिभावकों को जागरूक करने की भी जरूरत है।
तथा बहुत जल्द ही वर्ग तीसरी से आठवीं तक के हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों के लिए प्रतिभा सम्मान प्रतियोगिता का भी आयोजित करने का विचार है।
बैठक में श्री प्रेम नाथ जी, अनिरुद्ध यादव, अरुण झा, राजेश आर्य, पुष्पेश आनंद, मुन्नी कुमारी, मंजू देवी, निशा कुमारी, विकास कुमार, गोपाल झा, भूपेंद्र कुमार मेहता के अलावा अन्य लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। शिक्षा के क्षेत्र में अभिनव प्रयोग हेतु गठित कमिटी के प्रति लोगों की सकारात्मक सोच दिख रही थी।

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