
पौने चार लाख किसानों की दशा पर बाबुशाही भारी!
प्रियजीत प्रताप पटना/बिहार
जिला स्तर पर अधिकारियों की हीलाहवाली के कारण कई माह से किसानों के आवेदन लंबित हैं। यह स्थिति तब है, जबकि हर स्तर पर आवेदन को अग्रसारित करने की समय-सीमा तय है, फिर भी जिम्मेदारों के बीच कार्रवाई का कोई डर नहीं।
पीएम किसान सम्मान निधि योजना को लेकर राज्य स्तर पर गठित अनुश्रवण एवं शिकायत निवारण समिति की बैठक में अफसरों की लालफीताशाही पर शासन ने चिंता जताई है।मीडिया रिपेार्ट के अनुसार कृषि सचिव एन सरवण कुमार ने सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर मानीटरिंग की सख्त हिदायत दी है। सचिव ने तय समय-सीमा में किसानों के आवेदनों की जांच सुनिश्चित कराने की ओर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट किया है। , किस स्तर पर किसानों के कितने आवेदन लंबित हैं, अफसरों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा किया है।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, सरकारी बाबुओं की लेटलतीफी के कारण सम्मान निधि योजना से संबंधित लाखों किसानों आवेदन टेबल पर धूल फांक रहे हैं। कृषि समन्वयक, अंचलाधिकारी और एडीएम के स्तर पर सर्वाधिक आवेदन लंबित हैं। बताया जा रहा है कि, आवेदन का सत्यापन हो जाए तो किसानों के बैंक खाते में भी योजना के छह-छह हजार रुपये भेज दिए जाएं।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना पीएम किसान सम्मान निधि की सवा तीन लाख अर्जी पर अफसरों की कोताही भारी पड़ रही है।
सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि, प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए किसानों को सर्वप्रथम कृषि पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद न्यूनतम एक एकड़ व अधिकतम दो हेक्टेयर जमीन की रसीद की छाया प्रति, बैंक पासबुक व आधार कार्ड लेकर साइबर कैफे, कामन सर्विस सेंटर या वसुधा केंद्र पर जाकर आनलाइन आवेदन करना है।